रिपोर्टर जितेन्द्र कुमार
आरा। भाकपा-माले जिला कार्यालय सचिव दिलराज प्रीतम ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पत्रकारों को बताया कि सांसद सुदामा प्रसाद ने भोजपुरी भाषा को संविधान के आठवें अनुसूची में शामिल करने के लिए लोकसभा के शून्य काल में उठाया। सांसद सुदामा प्रसाद ने कहा कि भोजपुरी भाषा बिहार,उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़ सहित दुनिया के कई देशों मॉरीशस, फिजी गुयानाश्रीनाद, टोबैगो, नेपाल अधिक देश में लगभग 25 करोड़ की आबादी के लोग बोलते हैं लेकिन दुर्भाग्य बस हमारे देश में भोजपुरी भाषा को आजादी के 76 साल बाद भी संविधान की आठवीं अनुसूची में नहीं है, जबकि इससे कम संख्या वाली भाषाएं शामिल हैं। इस भाषा में इस मीठी व लोकप्रिय भाषा का देश कला साहित्य संस्कृति पर गहरा प्रभाव रहा है। उन्हें आगे कहा कि फिल्म जगत भी इससे अछूता नहीं है। महापंडित राहुल संस्कृतितायन, लोक कलाकार भिखारी ठाकुर की कृतियां इससे भाषा को समृद्ध बनती है। भारतेंदु हरिश्चंद्र, महावीर प्रसाद, कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद भी गहरे रूप से प्रभावित थे। हे गंगा मैया तोहे पियरी चढ़ाइबो सहित कई भोजपुरी फिल्मों ने नए कीर्तिमान स्थापित किया है। 14 जून 2011 को मॉरीशस में भोजपुरी भाषा को राजभाषा की दर्ज वहां की सरकार ने प्रदान की है। अतःव्यापक रूप से बोली जाने वाली भोजपुरी भाषा को आधिकारिक भाषा का दर्जा देकर संविधान के आठवीं सूची में शामिल की जाए।
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