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चुनाव आते जनता का मौज- भोज , खेलकूद प्रतियोगिता , साड़ी और लूंगी की बौछार



रिपोर्ट –जितेंद्र कुमार 

बड़ाहरा। जीस तरह से मदारी के लोग बंदर और बंदरिया का मदारी दिखाकर आम जनता को लुभाने में लगे रहते हैं, उसी तरह चुनाव आते ही कुछ तथाकथित समजसेवक नया-नया स्कीम देकर लोगों को लुभा रहे हैं। कुछ लोग खेलकूद कार्यक्रम करा रहे हैं , तो कुछ लोग साड़ियां बाँट कर जनता को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रहे हैं। अब देखना यह है कि इस बार बिहार चुनाव में भोजपुरवासी किस तरह से अपना राजनेता चुनते है या एक बार फिर जनता मदारी शो के बाद सिर्फ ताली बजाने का काम करेगी और उसके बाद अफसोस करते रह जाएगी । जी हां हम बात कर रहे हैं भोजपुर का जहां चुनाव की सुगबुहाट आते हीं एक से बढ़कर एक दिग्गज नेता ने जन्म लिया है और यह वही धरती है जहां 70 साल के बुजुर्ग भी अंग्रेज से लोहा लेने के लिए 20 साल के जवान से भी ज्यादा फुर्ती से जंग लड़े और अंग्रेजों को   चने चबाने पर मजबूर कर दिया ।फिलहाल वह तो और समय था और आज का दौरा सिर्फ लालच का दौरा रह गया है यहां पर जनता जहां एक तरफ साड़ी पर बिकती हुई नजर आ रही है तो वही दूसरे तरफ खेलकूद प्रतियोगिता और छोटे-मोटे तोहफा दे कर जनता को खुश करने का काम कर रहे हैं । अब देखना यह है कि जैसे चुनाव का घोषणा होता है उसके बाद और कितने लोग अपने बिल से बाहर निकाल कर जनता को नए-नए स्कीम देने में लगते हैं फिलहाल जीत किसी का भी हो लेकिन मजे तो जनता का है जो बिना कुछ किये साड़ी , लूंगी , तरह-तरह के भोजन और कई सारे तोहफ़े मे बिक रहे हैं खैर एक बात तो यह साफ है कि यह जो भी तोहफा और साड़ी, लूंगी है वह महज कुछ दिनों का ही सुख आपको दे सकता है अगर व्यक्तिगत जीवन में आपको पूर्ण रूप से सुख चाहिए तो इस बार चुनाव में वोट उसी को दीजिए जो आपके स्थानीय समस्याओं का निदान करें क्योंकि भोजपुर में कई गांव ऐसा भी है जहां पर अभी तक सड़क नहीं पहुंची, ना नल जल योजना पूर्ण रूप से कम कर रहा है और बात करें बिजली का तो वह कब आती है कब जाती है किसी को उसका कोई पता नहीं रहता। अगर आपको साड़ी  और लूंगी पर ही सब्र करना है तो वह आपकी मर्जी है लेकिन इस बार चुनाव में अपनी आंख कान खोलकर प्रत्याशी का चयन करें और उन्हें वोट देकर अपने स्थानीय समस्याओं का निष्पादन करें।

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